दादी एक अनोखी परी / Dadi Ek Anokhi Pari

mothers day poem - 2021


सफेद रंगों में रंगी , 

एक चमकती सी खुशी है , 

बर्फ के पहाडो जैसी ,

सफेद कपडो में ढकी  है ,

कुछ भी हो जाये गलतियाँ ,

हर पल मेरे साथ खड़ी है,

मेरी दादी एक अनोखी सी परी है   


हंसती मुस्कुराती , 

इन कमजोर से लबों से , 

कहानियां सुनाती कभी प्यार से , 

कभी पहेलियों में उलझाती,

छुप छुप कर कभी देती पैसे , 

कभी माँ सा लाड लडाती , 

कभी कभी झगड़ जाती है , 

फिर मजाक करके दिखाती , 


कभी खोने का डर दे जाती , 

और दिल को रुलाती , 

कभी बाते करती चले जाने की , 

और आँखें नम करवाती ,

वो हर बात पर मुझ से अरी है ,

मेरी दादी एक अनोखी सी परी है