दादी एक अनोखी परी / Dadi Ek Anokhi Pari
सफेद रंगों में रंगी ,
एक चमकती सी खुशी है ,
बर्फ के पहाडो जैसी ,
सफेद कपडो में ढकी है ,
कुछ भी हो जाये गलतियाँ ,
हर पल मेरे साथ खड़ी है,
मेरी दादी एक अनोखी सी परी है
हंसती मुस्कुराती ,
इन कमजोर से लबों से ,
कहानियां सुनाती कभी प्यार से ,
कभी पहेलियों में उलझाती,
छुप छुप कर कभी देती पैसे ,
कभी माँ सा लाड लडाती ,
कभी कभी झगड़ जाती है ,
फिर मजाक करके दिखाती ,
कभी खोने का डर दे जाती ,
और दिल को रुलाती ,
कभी बाते करती चले जाने की ,
और आँखें नम करवाती ,
वो हर बात पर मुझ से अरी है ,
मेरी दादी एक अनोखी सी परी है
8 Comments
Kya baate hai ❤❤❤
ReplyDeleteYour best piece till date. Stay blessed and keep writing...
ReplyDeleteAwesome bro❤️😊
ReplyDeleteOsm👍
ReplyDeletewaah ky likhte ho bhaiya Dil❤️ kush😊 ho jata h... Aise he likhe rahiye🙌 aage badhte rahiye👆..
ReplyDelete❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteWonderful 👍👍👍👍
ReplyDeleteAwesome poem 👍👀
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