Lagti wo kamaal hai - poem

लगती वो कमाल है / Lagti wo kamaal hai

आंखें उसकी गुलाबी 
बातें उसकी जाल है
दिखने में वो सांवली 
लगती वो कमाल है 

सर पे उसके बिंदी 
हाथों में उसके मेहंदी 
साड़ी का रंग लाल है 
दिखने में वो सांवली 
लगती वो कमाल है 

कानों में उसके झूमके 
पैरों में उसके पायल 
खुले हुए बाल है 
दिखने में वो सांवली 
लगती वो कमाल है
    

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